पहला स्वामी दयानंद सरस्वती डे-नाईट टी-20 इंटर कॉलेज टूर्नामेंट बुधवार से

स्वामी दयानंद सरस्वती के 200वें जन्मशताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य पर पीजीडीएवी कॉलेज के शारीरिक शिक्षा विभाग इस क्रिकेट टूर्नामेंट के आयोजन कर रहा है

उद्घाटन मैच दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स (डीसीएसी) और कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज (सीवीएस) के बीच खेला जाएगा

इस आयोजन में दिल्ली विश्वविद्यालय के 12 कॉलेजों की क्रिकेट टीमें हिस्सा ले रही हैं, जिनको चार ग्रुप में बांटा गया है

संवाददाता

नई दिल्ली। स्वामी दयानंद सरस्वती डे-नाइट टी20 इंटर कॉलेज टूर्नामेंट के पहले संस्करण की शुरुआत राजधानी के पीजीडीएवी कॉलेज में बुधवार से होगी। पीजीडीएवी कॉलेज की प्राचार्या प्रो. कृष्णा शर्मा ने मंगलवार को यहां संवाददाताओं को बताया कि देश स्वामी दयानंद सरस्वती का 200वां जन्मशताब्दी वर्ष मना रहा है। इसी उत्सव को ध्यान रखते हुए पीजीडीएवी कॉलेज के शारीरिक शिक्षा विभाग ने क्रिकेट टूर्नामेंट के आयोजन का फैसला किया।

   शारीरिक शिक्षा विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. पवन कुमार डबास ने बताया कि टूर्नामेंट का उद्घाटन कल दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स (डीसीएसी) और कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज (सीवीएस) के बीच मुकाबले से होगा।

 

  इस आयोजन में दिल्ली विश्वविद्यालय के 12 कॉलेजों की क्रिकेट टीमें हिस्सा लेंगी। टीमों को चार ग्रुप में बांटा गया है। ग्रुप-ए में डीसीएसी, आत्माराम सनातन धर्म कॉलेज (एआरएसडी) और महाराजा अग्रसेन कॉलेज हैं। ग्रुप-बी में रामलाल आनंद कॉलेज (आरएलए), श्यामलाल कॉलेज और सेंट स्टीफन्स कॉलेज को रखा गया है। ग्रुप-सी में हिन्दू कॉलेज, जाकिर हुसैन कॉलेज सहित इंदिरा गांधी शारीरिक शिक्षा और खेल विज्ञान संस्थान है। ग्रुप-डी में गुरु नानक देव खालसा कॉलेज, सीवीएस सहित मेजबान पीजीडीएवी कॉलेज है।

 

  टूर्नामेंट में 12 लीग मैच, दो सेमीफाइनल और 28 मार्च को होने वाले खिताबी मुकाबले सहित 15 मुकाबले खेले जाएंगे। डॉ पवन डबास के अनुसार, इस वर्ष अंतर कॉलेज क्रिकेट प्रतियोगिता में पीजीडीएवी कॉलेज टीम सेमीफाइनल तक पहुंची थी। कॉलेज में फुटबॉल,  मुक्केबाजी,  वॉलीबॉल, ताइक्वांडो आदि पर भी जोर दिया जाता है।

उन्होंने कहा कि प्रो. शर्मा के नेतृत्व में कॉलेज,  अकादमिक गतिविधियों के साथ-साथ खेल के क्षेत्र में भी व्यापक प्रगति कर रहा है। कॉलेज परिसर में उपलब्ध विभन्नि खेलों से संबंधित सुविधाओं में पिछले कुछ वर्षों से जो विकास हुआ उसके कारण छात्रों को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिला है। इसके फलस्वरूप अब सकारात्मक परिणाम भी मिलने लगे हैं।

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