पेफी के छठे अवार्ड समारोह में शारीरिक शिक्षा और स्पोर्ट्स साइंस के दिग्गज सम्मानित

  • स्पोर्ट्स इंजरी पर राष्ट्रीय स्तर की कॉन्क्लेव का हुआ समापन

संवाददाता

फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पेफी) द्वारा आयोजित ‘नेशनल स्पोर्ट्स इंजरी कॉन्कलेव’ और छठे राष्ट्रीय पेफी अवार्ड समारोह में देश के जाने-माने खिलाड़ियों, कोचों, खेल जानकारों, खेल वैज्ञानिकों, डॉक्टरों, फिजियों और शारीरिक शिक्षा विशेषज्ञों ने माना कि भारत में खेल कल्चर विकसित हो रहा है। खेलों के महत्व को लेकर यह आम धारणा बन रही है कि खेलों के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ खिलाड़ियों की फिटनेस पर बराबर ध्यान देने की जरूरत है जिसके लिए स्पोर्ट्स इंजरी जैसे विषय पर काम करने की बहुत आवश्यकता है।

 

  एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में बीएलके मैक्स हॉस्पिटल और एमवे इंडिया के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में देशभर के फिटनेस एक्सपर्ट्स, डॉक्टरों और विशेषज्ञों ने माना कि देश में खिलाड़ियों की फिटनेस और उनकी चोटों के इलाज पर आधुनिक तकनीक से काम हो रहा है, जिसमें सुधार की जरूरत हैं।

 

  कार्यक्रम का उद्घाटन द्रोणाचार्य अवार्डी व हॉकी कोच अजय कुमार बंसल ने किया। इस अवसर पर एलएनसीपीई त्रिवेंद्रम के प्रिंसिपल डॉ. जी. किशोर और मैराथन धाविका सुनिता गोदारा उपस्थित थीं। पेफी के राष्ट्रीय महासचिव पीयूष जैन ने सभी अतिथियों का स्वागत किया।

 

  कॉन्कलेव में बीएलके मैक्स हॉस्पिटल के प्रिंसिपल डायरेक्टर डॉ. दीपक चौधरी, डॉ. शिव चौकसे, डॉ. केंजोम, डॉ. शिखा, डॉ. सुमित, डॉ. चंद्रशेखर गुरु, और डॉ. गगन कपूर ने खिलाड़ियों को होने वाली इंजरी और उनके निवारण पर विस्तृत राय व्यक्त की और कहा कि भारत में खिलाड़ियों को लगने वाली चोटों और खिलाड़ी शरीर में होने वाले विचारों पर पहले ध्यान नहीं दिया जाता था। आज हालांकि देश में खेल वैज्ञानिक और डॉक्टर इस बारे में गंभीर है। फिर भी 50 फीसदी खिलाड़ी पूरी तरह फिट नहीं हैं।

 

  कॉन्कलेव में भाग लेने वाले डॉक्टरों और एथलीटों ने माना कि सरकार इस ओर ध्यान दे रही है और खिलाड़ियों की फिटनेस की बराबर जांच की जाती है जानी-मानी मैराथन धाविका सुनिता गोदारा ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि उनके समय में इस प्रकार की सुविधाएं बहुत कम थीं लेकिन आज खिलाड़ी के स्वास्थ्य और चोटों का बखूबी इलाज उपलब्ध हैं। डॉ. दीपक चौधरी के अनुसार, बीएलके मैक्स में खिलाड़ियों का इलाज प्राथमिकता के साथ किया जाता है।

 

  दूसरे सत्र में पेफी द्वारा खेल और शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली विभूतियों को पुरस्कृत किया गया, जिनमें कई जाने-माने शिक्षा संस्थान भी शामिल हैं। शारीरिक शिक्षा और खेल के क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए तेलंगाना के ऋषि ऊबर कॉलेज, पश्चिम बंगाल के डीएवी स्कूल और दिल्ली के हंसराज मॉडल स्कूल को पीएम जोजफ अवार्ड दिया गया। दिल्ली के हेमंत शर्मा (योग), आनंद कुमार (फिजियो), मनजीव कुमार, कोच करमवीर डागर, और नागपुर की डॉक्टर अमृता पांडे और गोविंद सामी को यंग रिसर्चर अवार्ड से सम्मानित किया गया। जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी की बुशारा बानो (फिजियो) को अपने क्षेत्र में बेहतर काम करने के लिए विशेष सम्मान दिया गया।   

 

  पेफी के राष्ट्रीय महासचिव पीयूष जैन ने मुख्य अतिथि हॉकी ओलम्पियन दिलीप टिर्की, विशेष अतिथि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री, प्रफुल्ल अकांत, भारतीय जनता पार्टी एस सी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य, पेफी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल कोठारी, कार्यकारी अध्यक्ष डॉ ए. के. उप्पल की उपस्थिति को मील का पत्थर बताया और सभी अवार्डियों को धन्यवाद किया।

   आयोजन सचिव डॉ. रमनदीप कौर, डॉ. चेतन कुमार ने आयोजन की सफलता के लिए सभी का आभार व्यक्त किया।

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