Krupa Shankar created a distinct identity in wrestling

कुश्ती में कृपाशंकर ने बनायी अपनी एक अलग पहचान

अर्जुन पुरस्कार विजेता और दंगल फिल्म के कोच कृपाशंकर बिश्नोई की कहानी, जिनके पहलवान चाचा शिवराम पटेल ने बचपन से उनकी प्रतिभा को पहचाना, भारतीय खेल प्राधिकरण ने आवश्यक बुनियादी जरूरतों के साथ उपकरण, प्रशिक्षण और प्रतियोगिता के अवसर प्रदान किए, तो कृपाशंकर ने कुश्ती में इतिहास बना दिया|

कृपा ने 53 अंतराष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिताओं मे देश का प्रतिनिधित्व करते हुए 11 स्वर्ण, 8 रजत, व 5 कास्य पदक जीते तथा 56 राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिताओं मे प्रदेश व रेलवे का प्रतिनिधित्व करते हुये 25 स्वर्ण, 11 रजत व 7 कास्य पदक अर्जित किए।

कुश्ती में एनआईएस, खेल कोचिंग का “ए” ग्रेड डिप्लोमा प्राप्त किया तथा वर्ष 1994 मे म प्र शासन के सर्वोच्च खेल पुरस्कार “विक्रम अवार्ड” एंव वर्ष 2000 मे भारत सरकार के खेल पुरस्कार “अर्जुन अवार्ड” से सम्मानित किया जा चुका है |

पिछले 10 वर्षों के दौरान रेलवे तथा राष्ट्रीय कोचिंग शिविर में उनके मार्गदर्शन मे प्रशिक्षण प्राप्त कर भारतीय महिला पहलवानों ने विशिष्ट उपलब्धिया प्राप्त की है जिसमे साक्षी मलिक द्वारा 2016 रियो ओलंपिक महिला कुश्ती में भारत का पहला ओलंपिक पदक भी शामिल है ।

इसी दौरान महिलाओं को सशक्त बनाने और भारत में कुश्ती को बढ़ावा देने में मदद करने वाली कुश्ती पर बनी ब्लॉकबस्टर फिल्म दंगल के लिए आमिर खान सहित अन्य कलाकारों को 10 महीने तक कुश्ती के दांवपेच भी सिखाए, साथ ही कुश्ती दृश्यों की कोरियोग्राफी और बाउट कम्पोजिंग का कार्य भी किया है।

दंगल केवल भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में सबसे बड़ी ब्लॉकबस्टर फिल्म बन गई हैं, चीनी राष्ट्रपति श्री शी जिनपिंग ने भी फिल्म देखी और माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के साथ मुलाकात के दौरान उन्होंने फिल्म में कुश्ती दृश्यों की सराहना भी की है |

फिल्म के बाद महिलाओं का कुश्ती के प्रति देश में नजरिया बदला है। वर्तमान में इंदौर स्टेशन पर मुख्य टिकिट निरीक्षक के कार्य के साथ ही भारतीय रेलवे कुश्ती टीम को प्रबल बनाने का कार्य कर रहे है |

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