फिर लौटेंगे नेहरू हॉकी के पुराने दिन!

  • देश में हॉकी के सबसे बड़े और प्रतिष्ठित घरेलू टूर्नामेंट ‘नेहरू हॉकी’ को भी एक ऐसा प्रायोजक मिला है जिसकी हर तरफ चर्चा है
  • सोसायटी के सचिव कुकू वालिया ने एक समारोह में युवा अध्यक्ष के नाम की घोषणा की, जो संस्था के संस्थापक इंदर मोहन कपूर के पोते हैं
  • जैसा की हॉकी प्रेमी जानते हैं कि नेहरू हॉकी सोसायटी 1964 से देश के सबसे लोकप्रिय टूर्नामेंट का आयोजन कर रही है
  • पिछले कुछ सालों में यह टूर्नामेंट अपनी पहचान के साथ न्याय नहीं कर पा रहा था, क्योंकि कुछ पूर्व पदाधिकारियों के आकस्मित निधन के कारण नई टीम पर बड़ा भार आ पड़ा था
  • हॉकी के प्रति शुरू से ही लगाव रखने वाले नए युवा अध्यक्ष हैदराबाद के गुंचा ग्रुप के कार्यकारी निदेशक हैं और अगले पांच सालों तक उनकी कंपनी नेहरू हॉकी की स्पॉन्सर होगी

राजेंद्र सजवान

आज के दौर में कोई भी खेल सिर्फ ताकत, दमखम, अभ्यास और खेल भावना से आगे नहीं बढ़ सकता। खेल की प्रगति के लिए यह जरूरी है कि समय रहते उस खेल को पर्याप्त  खुराक दी जाती रहे, जिसे आज के व्यावसायिक युग में प्रायोजक कहा जाता है। इसमें दो राय नहीं कि वही खेल और खेल आयोजन आगे बढ़ सकते हैं जिनके पास बड़े प्रायोजक हैं। मसलन भारतीय हॉकी को ही लें, जबसे उसे ओडिसा सरकार और कुछ औद्योगिक घरानों ने गोद लिया है, हॉकी में बदलाव साफ नजर आ रहा है। देर से ही सही, देश में हॉकी के सबसे बड़े और प्रतिष्ठित घरेलू टूर्नामेंट ‘नेहरू हॉकी’ को भी एक ऐसा प्रायोजक मिला है जिसकी हर तरफ चर्चा है।

 

  जैसा की हॉकी प्रेमी जानते ही हैं कि नेहरू हॉकी सोसायटी 1964 से देश के सबसे लोकप्रिय टूर्नामेंट का आयोजन कर रही है। इस आयोजन में दुनियाभर के बड़े खिलाड़ी भाग लेते आए हैं। खासकर, भारत और पाकिस्तान के नामी खिलाड़ी, क्लब और संस्थानों ने नेहरू हॉकी में भाग लेकर इस आयोजन की गरिमा को बढ़ाया। लेकिन पिछले कुछ सालों में यह टूर्नामेंट अपनी पहचान के साथ न्याय करने में पूरी तरह सफल नहीं रहा। इसलिए क्योंकि कुछ पूर्व पदाधिकारियों के आकस्मित निधन के कारण नई टीम पर बड़ा भार आन पड़ा था।

 

  लंबे समय तक नेहरू सोसायटी के सचिव रहे स्वर्गीय शिव कुमार वर्मा के निधन के बाद  एक बड़ा बरगद का पेड़ डगमगाने लगा था।  सब जूनियर बालक, जूनियर बालक और बालिका, चैम्पियंस कॉलेज और सीनियर नेहरू सहित पांच बड़े आयोजन करना हंसी खेल नहीं है। लेकिन वर्षों बाद अब नेहरू सोसायटी को अपने सीनियर आयोजन के लिए एक ऐसा प्रायोजक मिल गया है जिसकी जड़ें नेहरू टूर्नामेंट से जुड़ी हैं। साठ साल पुरानी नेहरू सोसायटी को यश भरमानी के रूप में अपना सातवां अध्यक्ष मिल गया है।

सोसायटी के सचिव कुकू वालिया ने एक समारोह में बकायदा युवा अध्यक्ष के नाम की घोषणा की। इस अवसर पर केंद्रीय उडयन और परिवहन मंत्री जनरल वीके सिंह, श्रीमती सिंह, नामी ओलम्पियन गुरबक्श सिंह, अजीत पाल सिंह और कई जानी-मानी हस्तियां मौजूद थीं। इस अवसर पर सचिव कुक्कू वालिया ने घोषणा करते हुए कहा कि नए अध्यक्ष यश भरवानी संस्था के संस्थापक इंदर मोहन कपूर के पोते हैं।

 

  नए अध्यक्ष युवा हैं और हॉकी के प्रति उन्हें शुरू से ही लगाव रहा है। वह हैदराबाद के गुंचा ग्रुप के कार्यकारी निदेशक हैं और अगले पांच सालों तक उनकी कंपनी नेहरू हॉकी को स्पॉन्सर करेगी। उन्हें विश्वास है कि नेहरू हॉकी शीघ्र ही अपने पुराने गौरव की तरफ लौटेगी।  कुक्कू वालिया के अनुसार उनके साथ देश के तमाम खिलाड़ी और हॉकी प्रेमी जुड़े हुए हैं और सभी एक बार फिर नेहरू हॉकी को शिखर पर ले जाने का इरादा रखते हैं।

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