मंत्रालय की पहल: कराटे एशियाड में,  गुटबाजी नहीं चलेगी

  • भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने देश की तमाम कराटे इकाइयों को एक बैनर तले एकत्र करके दो दिवसीय एशियन गेम्स ट्रायल आयोजित करने का फैसला किया है।
  • राजधानी के इंदिरा गांधी स्टेडियम में 19 और 20 जून को ये ट्रायल आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें पुरुष और महिला खिलाड़ियों के पांच-पांच वर्गों को शामिल किया गया है
  • देश के जाने-माने मास्टरों और विभिन्न अकादमियों के कोच-रेफरियों में शामिल आर. गणेश, रामेश्वर निर्वाण, जोजी अब्राहम, जयदेव, पारितोष, अशोक दर्दा, तरुण चक्रवर्ती, प्रदीप वर्मा, चंद्रशेखर रेम्बो और संजीव कुमार आदि ने खेल मंत्रालय की पहल का स्वागत किया
  • लेकिन ज्यादातर खिलाड़ियों ने उत्साह दिखाने के बावजूद एशियन गेम्स के लिए टीम के चयन को बहुत देर से उठाया गया कदम बताया है

राजेंद्र सजवान

सालों बाद ही सही भारतीय कराटेबाजों के दिन फिरते नजर आ रहे हैं। लगभग तीन दशकों से गुटबाजी और विवादों से घिरे इस लोकप्रिय खेल को सुधारने का जिम्मा अब खेल मंत्रालय ने उठाया है। आगामी एशियन गेम्स के लिए यह तैयारी की जा रही है। भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने देश की तमाम कराटे इकाइयों को एक बैनर के नीचे एकत्र करके दो दिवसीय एशियाई खेल ट्रायल आयोजित करने का फैसला किया, जिसे इस खेल के लिए एक नए युग की शुरुआत माना जा रहा है।

 

  साई 19 और 20 जून को राजधानी के इंदिरा गांधी स्टेडियम में दो दिवसीय एशियन गेम्स ट्रायल आयोजित कर रही है, जिसमें पुरुष और महिला खिलाड़ियों के क्रमश: पांच-पांच वर्गों को शामिल किया गया है। आज यहां इंदिरा गांधी स्टेडियम में देश भर के खिलाड़ी बड़ी संख्या में पहुंचे। लेकिन ट्रायल देने के बाद भी उनके चेहरे पर मायूसी साफ नजर आई। कारण, उन्हें इस बात का भरोसा नहीं कि चुने जाने के बाद भी वे एशियाई खेलों में भाग ले पाएंगे या पिछले सालों की तरह उन्हें मायूस लौटना पड़ेगा।

 

  कराटे से जुड़े कोचों, रेफरियों, खिलाड़ियों और अलग-अलग गुटों के बीच बातचीत के बाद यह स्पष्ट हुआ कि खेल मंत्रालय के दखल के बावजूद भी सभी डरे-सहमे हैं। ऐसा इसलिए है कि खेल की आड़ में लूट मचाने वाले अलग-अलग पदाधिकारियों ने खिलाड़ियों का मनोबल पूरी तरह तोड़ दिया है। हैरानी वाली बात यह है कि क्रिकेट के बाद देश के सबसे लोकप्रिय खेल पर उसके अपने भरोसा करने के लिए तैयार नहीं है। कारण यह है कि वक्त और परिस्थितियों को देखते हुए इस खेल के दिग्गज लुटेरों ने खिलाड़ियों को ना सिर्फ लूटा, बल्कि उन्हें आगे बढ़ने का मौका भी नहीं दिया।

 

कराटे में देश के जाने-माने मास्टरों और विभिन्न अकादमियों के कोच-रेफरियों में शामिल आर. गणेश, रामेश्वर निर्वाण, जोजी अब्राहम, जयदेव, पारितोष, अशोक दर्दा, तरुण चक्रवर्ती, प्रदीप वर्मा, चंद्रशेखर रेम्बो और संजीव कुमार आदि ने पूछे जाने पर खेल मंत्रालय की पहल का स्वागत किया। लेकिन ज्यादातर को डर है कि कराटे की दो बड़ी संस्थाएं केएआई (काई) और केआईओ (कीओ) का टकराव खेल बिगाड़ सकता है।

 

   हालांकि ट्रायल में भाग लेने आए खिलाड़ियों, कोचों और अधिकारियों के लिए चाय-पानी तक की व्यवस्था नहीं की गई। लेकिन हर एक ने बदलाव का स्वागत किया। भारतीय सेना, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, असम, राइफल्स और बड़े-छोटे सभी संस्थानों ने ट्रायल में अपने खिलाड़ियों को भाग लेने के लिए उतारा। खिलाड़ियों का उत्साह देखते ही बना लेकिन ज्यादातर ने कहा कि एशियाई खेलों के लिए टीम के चयन में बहुत देर कर दी गई है। काश साल भर पहले यह कदम उठाया जाता तो बेहतर रहता। यह आरोप भी लग रहा है कि ट्रायल लेने वालों में ज्यादातर ऐसे हैं, जो खुद कभी अच्छे खिलाड़ी और रेफरी-जज नहीं रहे। लेकिन खेल मंत्रालय के कदम से कराटेबाज संतुष्ट हैं।

2 thoughts on “मंत्रालय की पहल: कराटे एशियाड में,  गुटबाजी नहीं चलेगी”

  1. Akashdeep singh

    Finally i appreciate your thoughts . Sab paisa kaamna cahte they es game’s say mere ko 18 saal ho gye h es game ko karte hua .Mai khud khelta hu or aaj Mai Delhi talkotra statudiam m khelne Jaa raha hu par . Trails naa Dene ka koi gham nhi par bohat Khushi Hui j sun kar ki HMri govt ney j faisala liya . Sab ko hath jod kar naaman meri tarf say . Mai punjab k mansa district say belong krta hu . Bhikhi mera town hai or meri ek choti c academy hai Vikings Martial art academy. I hope ki un players ko select Kiya jaa eh Jo deserve karte Hain . Mai bohat hi yaada Khush hu es ko sun kar . I love karate .

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