दिल्ली एफसी फिर विवाद के केंद्र में…. और तमाशा बनी प्रीमियर लीग

  • आज यहां डॉ. अम्बेडकर स्टेडियम में रॉयल रेंजर्स एफसी के खिलाफ दिल्ली एफसी फिर से पूरी टीम उतारने में विफल रही
  • पिछली बार 5 जनवरी 2024 को गढ़वाल हीरोज के विरुद्ध खेले गए सात मिनट के मैच में दिल्ली एफसी ने मात्र सात खिलाड़ी मैदान पर उतरे थे और एक खिलाड़ी को चोटिल दिखाकर नियमानुसार मैदान छोड़ दिया था
  • दिल्ली एफसी के टीम डायरेक्टर हेम चंद के अनुसार डीएसए देश के एक प्रतिष्ठित क्लब के साथ न्याय नहीं कर रही है
  • इस बारे में पूछने पर डीएसए अध्यक्ष अनुज गुप्ता ने दिल्ली एफसी के बयान पर हैरानी व्यक्त की

राजेंद्र सजवान

दिल्ली प्रीमियर लीग के पहले संस्करण के आयोजन से दिल्ली सॉकर लीग (डीएसए) ने राष्ट्रीय स्तर पर जो पहचान बनाई थी वो एक साल बाद ही तमाशा बनकर रह गई है। मुट्ठीभर दर्शकों की मौजूदगी में खेले जा रहे लीग मुकाबलों पर हर वक्त शक की सुई लटकती रहती है। मैच फिक्सिंग और सट्टेबाजी के आरोप आम हैं लेकिन किसी ठोस सबूत के कार्रवाई नहीं हो पाती है। फिलहाल, दिल्ली एफसी द्वारा रजिस्टर्ड की कमी के चलते उपजा विवाद डीएसए के गले की हड्डी बन गया है।

   पिछली बार 5 जनवरी 2024 को गढ़वाल हीरोज के विरुद्ध खेले गए सात मिनट के मैच में दिल्ली एफसी ने मात्र सात खिलाड़ी मैदान पर उतरे थे और एक खिलाड़ी को चोटिल दिखाकर नियमानुसार मैदान छोड़ दिया था। देर से ही सही प्रीमियर लीग आयोजन समिति ने गढ़वाल हीरोज को तीन गोल और तीन अंक दे दिए। तत्पश्चात मौजूदा चैम्पियन वाटिका एफसी के विरुद्ध दिल्ली एफसी ने पूरे खिलाड़ी मैदान में उतारे। लेकिन गुरुवार को यहां डॉ. अम्बेडकर स्टेडियम में रॉयल रेंजर्स एफसी के खिलाफ दिल्ली एफसी फिर से टीम उतारने में विफल रही।

   दिल्ली प्रीमियर लीग आयोजन समिति के अनुसार दिल्ली एफसी एक बार फिर सात खिलाड़ियों को लेकर स्टेडियम में दाखिल हुई, जिनमें से एक खिलाड़ी को रेड कार्ड मिला था। चूंकि छह खिलाड़ियों से मैच नहीं खेला जा सकता है इसलिए तीन अंक और तीन गोल के साथ मैच का नतीजा रॉयल रेंजर्स के पक्ष में गया।

   दिल्ली एफसी के टीम डायरेक्टर हेम चंद के अनुसार डीएसए देश के एक प्रतिष्ठित क्लब के साथ न्याय नहीं कर रही है। उन्होंने कहा, “दिल्ली एफसी आई-लीग में भाग लेकर दिल्ली की फुटबॉल को गौरवांवित कर रहा है। लेकिन हमारी सुनवाई नहीं हो रही है। हमारे खिलाड़ी अंडर-17 और अंडर-19 आयु वर्ग में खेल रहे हैं। लीग सही समय पर नहीं खेली जा रही है और ट्रांसफर विंडो के बावजूद सीएमएस नहीं हो रहा है, जिस कारण से खिलाड़ी कम पड़ रहे हैं।”  

  इस बारे में जब डीएसए अध्यक्ष अनुज गुप्ता से पूछा गया तो उन्होंने दिल्ली एफसी के बयान पर हैरानी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि दिल्ली एफसी विंडो खोलने के हक में नहीं थी। उनके अनुसार फिलहाल आई-लीग के मैच नहीं हो रहे हैं। वैसे, अनुज ने इस मामले पर फैसला करने का अधिकार लीग आयोजन समिति पर छोड़ दिया है।

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